ख़्वाबों से वो दूर जाने लगे है लगता है वो अब रूठने लगे है ये उनकी नहीं जमाने की गलती है जो मोहब्बत के नए नए नियम बनाने लगे है उनकी शराफत भारी चालाकी पसंद आती हमें अब वो किसी और को मोहब्बत का पाठ पढ़ाने लगे है अब भी ना संभलते तो कहा जाते हम एक बेवफा से हम भी दूरी बढ़ाने लगे है ख़्वाबों की बात थी ख्वाबों तक रही धीरे धीरे हम भी नींद खोलने लगे हैं 😂😂 #शब्दसक्ती #poetry #love ##ekkhawab