जाने कब ढलेगी शाम, कब डूबेगा शहर अपनी रोशनी में, जाने कब मेरे दिल के अँधेरे बयाँ होंगे... हो बेशक़ ईद, पर गले लगना नहीं तुम चाँद! ये मोहलत से मिले दिन एक रोशन तो क्या होंगे मुबारक़ तुम्हें हो ईद की खुशियों भरी हयात! शरीक़ दिल की मायूसी में तुम क्यों भला होगे? #moon_scar