तूने कहा था जल्दी आऊंगी महल से ना जाना आकर यही मिलूंगी यहा घर बसाउंगी कुछ दिन बदले , मौसम सावन का आने लगा जी मचलने लगा महल में ताके तेरा चेहरा पंख खुले दिल मुस्कुराने लगा बैचैनी बढ़ने लगी , उड़ने की धुन सुनने लगी कहि किसी और काफिले के साथ ना हो जाउ जब घर बसा जमी पे तो इनको क्यों लहराउ तोड़ डाले पंख , अरमान भी उड़ने के जो गुजरता है सोचता है शायद उड़ नहीं पाया महल बन गया खंडहर तू नहीं आया दिल मेरा ये सोचता है क्यों नहीं आया अब समझा जब एक शिकारी ने डाला है पिंजरे में तेरा बचपन पला था साये में झूठे इंसान की फितरत में #broken #pain #killdill #nojotohaldwani #nojoto #nojotohindi #poem #jnvians #uttrakhand #shayari #poetry #lifequotes #love #realization Rinesha singh Ritika Suryavanshi pooja negi# Ansh Arzoo Nandini priya