शायद मेरे हाथ की लकीर, में तुम नहीं हो। फिर भी मोहब्बत, तुझी से किए जा रहे हैं। हा, जानता हूं चोट तो लगेंगी ही। लेकिन फिर भी , मोहब्बत की जंग लड़े जा रहे हैं। 🎀 Challenge-278 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी लिखिए।