उम्र बढ़ रही है या मुश्किलों की फेहरिस्त कुछ समझ नहीं आता ए जिंदगी तेरा गणित मुझको समझ नहीं आता एक ओर जहां चंचलता , मासूमियत खोती जा रही है वही दूसरी तरफ तजुर्बो मे भी बढ़ोत्तरी होती जा रही है ए जिंदगी तेरा गणित मुझको समझ नहीं आता तुझको लफ्जों में बयां मेै कर नहीं पाता ©Another Writer #Zindagi #Problems #mathsoflife #MohitNagle