ये बरसाती बुँदे और यूं लहराता पानी याद दिलाता है वो तेरी मेरी कहानी जब भी निकलता हुँ इस बरसात में याद आते हैं वो पल जो बिताये थे तेरे साथ में कहानी जो तेरी-मेरी वो अधूरी रह गयीं अब तो बुँदे भी कह रहीं हैं कुछ पल बिताऊं तेरे साथ में - AAYUSH NEGI