जनहित की रामायण - 68 प्रेस की आज़ादी में हम 2022 के आंकड़ों के अनुसार हम 180 देशों की सूची में से 150 वें स्थान पर ! अर्थात विश्वगुरु बनने के झूठे सपने पूरे नहीं हो सकते अगले एक हजार साल तक !! 180 में 30 से आगे हैं हम अर्थात 17 प्रतिशत अंक ! पास होने से आधे से कम है अंकों का ये प्रतिशत !! फिर भी प्रचारित प्रसारित का बज रहा विश्व में डंका ! हक़ीक़त में जन त्राहिमान, लग गई जनहित की लंका !! भारतीय भाषाओं से हो रहा संगणकीय बलात्कार ! दशकों से जारी रक्षार्थ मदद की चीख पुकार !! कोई नहीं सुन रहा पीड़ित कलम की चीत्कार ! हंसी ठिठोली पे टपकती बाजारू कवियों की लार !! संगणकीय कुंजीपटल अंग्रेज़ी का एक रूप लिये ! भारतीय भाषाओं का छप्पन सौ साठ रूप में !! जब तक इस पर ध्यान नहीं दिया जायेगा ! भारतीय भाषाओं का चलन आगे नहीं बढ़ पायेगा !! #press #freedom #india #aaveshvaani #yqhindi #hindi