24 आत्मा की डोर ब्रह्माण्ड की शुरुआत से अंतिम दौर तक, प्रभु के दर्शन से विलय होने तक, आत्मा की डोर प्रेम है, आत्मा की डोर प्रेम है. हस्ती के उदय से अस्त होने तक, चटकीली धूप से चांदनी रात तक, वचनों के वाचन से निर्वाहन होने तक, आत्मा की डोर प्रेम है, आत्मा की डोर प्रेम है... ©Ankit verma utkarsh❤ collection:-ठंडी धूप 24th poetry #kissday