बंजर जमीन खुला आसमान, दूरी रोशनी कम धुंधली हो गई, सूखा पड़ा सारा जवाना, मोहब्बत में मैं अब तन्हा रह गई, इश्क के बाजार में रंग बहुत थे, पर मेरी जिंदगी में बस यह रंग काली रह गई, बंजर मेरे प्यार की जमीन हो गई, अगर मेरे प्यार की जमीन होंगे ©sweta kumari #banjara