बहुत समझा लिया मैंने तुम्हें, अब ये समझाने की कोई बात नहीं, जो नहीं निभाना साथ मेरा, तो ताने भी ना दो के मुझे परवाह नहीं.. जब रोती हू अकेले,समझे तुमने मेरे जज्बात नहीं, तो भला क्यों मेरी दो पल की खुशियों पर तुम्हारा ऐतराज सही... जीवनसाथी हो तुम, पर दिया कभी मेरा साथ नहीं, जो ना हो एक पल भी तुम्हारी बात पूरी, तो मैं क्यों गुनाहगार रही... मेरे दर्द में हमदर्द हो तुम दुनियां के लिए, पर कितने दर्द सहे इस दिल ने तुम्हें परवाह नहीं... जिसने बन्द कर रखे हो दिल के दरवाजे, उसकी कुंडिया बजाने से खुलते किबाड़ नहीं... बहुत समझा लिया मैंने तुम्हें,अब ये समझाने की कोई बात नहीं, जीवनसंगिनी हूं तुम्हारी हूं कोई अबला या लाचार नहीं... तुम्हारी ना बदलने वाली सोच पर तो मेरा धिक्कार सही... तुम ना बदले ना बदलोगे, ये हैं तुम्हारे जीवन का सत्य, तुम्हे जो हैं इस बात से इनकार तो तुम्हारा इनकार सही... मर्दानगी दिखाते-दिखाते,जो तुम ना बन पाए इंसान, तो तुम पर हैं मुझे लानत, तुम्हारे लिये चाहे तुम्हारा कट्टर व्यवहार सही... बहुत समझा लिया मैंने तुम्हें, अब ये समझाने की कोई बात नहीं जो नही समझना है मुझे, तो साफ-साफ कहो के तुम्हे परवाह नहीं...... #abusivebehaviour#life#pain#innervoice#nojotostory#nojotopoem#nojotoshayri#nojotopoetry