भूखे पेट मर जाना मगर, ज़हर मत लेना ... छोड़ा गाँव गर, बदले और शहर मत लेना..। भेजा जिस ने है तुझॆ, ये उसका जिम्मा है... ज्यादा अक्लमंद न हो, एक फ़िकर मत लेना..। पंछी को क़फस से आज़ाद ही कर दिया जब... कैसा है,कहां है बेवजह ख़बर मत लेना..। रंगत जो देखना है सुबह और शाम मिलो... सूरज से बात का वक़्त दोपहर मत लेना..। आए है जिस लिए, काम चुपचाप करना है... जीवन,मौत एक सराय है ठहर मत लेना..। रुख पर इन गमों को पानी देना है ‘ख़ब्तुल’... आँख निकाल लेना किसी से नहर मत लेना..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3 जिम्मा