जला दो रंजिशे अपनी इस बार ईद में सजाओ नई महफ़िल नया दरबार ईद में चलेगा कब तलक ऐसे खामोश बैठोगे मिटा दो अब सभी दूरी इस त्यौहार ईद में लगाओ सबको गले यही दरकार हे यारों भुला दो नफरते मन की सभी इसबार ईद में eid ul adha mubarak ho