अच्छा सुनो, कुछ कहना था तुमसे... ख़्वाब बन के बस रहना था तुम में, मग़र तुम खुद ही यों ख़्वाब बन गए, कि सारे जहाँ में हमें तन्हा कर गए। अच्छा सुनो, बस बहना था तुम में... अरमानों का दरिया जैसे बहर में, मग़र तुम तो हक़ीक़त हो न पाए, कि हमारा आशियाँ बन ही न पाए। अच्छा सुनो, मुझे जीना था तुम में... मैं-मैं न रहूँ, तुम हो जाऊँ तुम में, मग़र तुम तो वो लम्हा बन न पाए, कि एहसास मौत भी न बन पाए। अच्छा छोड़ो, हम नहीं हैं हम में... क्यों शोक मनाएँ यों अब जग में, मग़र रूह तेरा साथ कैसे ही छोड़ जाए, जब तेरे कफ़्न में मेरी ही खुशबू आए। #शोक #बहर #खुशबू #ख़्वाब #हक़ीक़त #एहसास #yqhindi #bestyqhindiquotes