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स्वप्न डराने लगते हैं, रात के साए में, अँधेरे की

स्वप्न डराने लगते हैं, 
रात के साए में,
अँधेरे की गहराई में,
 हर चीरा बन जाता है डरावना।

पर जब सूरज की किरणें छू जाती हैं,
 उस स्वप्न को,
अंधेरे का भय पिघल जाता है, 
और सच्चाई की रोशनी चमक आती है।

स्वप्नों के भय को पार करने के लिए,
हमें अपने दिल की आवाज़ को सुनना होता है,
और उसका साथ देकर, 
सपनों की दुनिया को जीना होता है।

©Balwant Mehta
  #DREAM #स्वप्न