"शिखर जी जैनों का तीर्थ क्षेत्र है.. कोई पर्यटन क्षेत्र नहीं, बचाओ पवित्र क्षेत्र शिखर जी...!!" माननीय केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सभी लोगों, से विनम्र निवेदन है कि जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी के संरक्षण में जैन समाज को सहयोग दे, वह भूमि एक पवित्र भूमि है। जैन समाज का यही अनुरोध है कि हमारे पवित्र तीर्थ की गरिमा और पवित्रता बनी रहे, इसलिए इस निर्णय को वापस लिया जाए...! ##जैन धर्म के २४ तीर्थकर में से २०तीर्थकर का मोक्ष इसी सम्मेद शिखर जी किभूमि पर से हुआ है और इसीलिए यह तीर्थ हम जैनियों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता हैं, अगर हमारे तीर्थ को पर्यटन में घोषित कर दिया जाएगा तो यहां**शराब, मांसाहार, व्यभिचार आदि गंदगी बड़ेगी...!! भारत के किसी धर्म के किसी भी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल में बदलना बिलकुल उचित नहीं लगता है, क्यूं कि पर्यटन के नाम पर फिर उन पवित्र स्थानों को अपवित्र करने का काम होता है। अगर इस तरह तीर्थ को Tourist spots में बदलते रहेंगे तो यह पवित्र भूमि दूषित होती जायेगी, भारत की पवित्रता खत्म हो जायेगी.... हम सरकार से यही विनती करते हैं कि शिखर जी को पर्यटन स्थल ना बनाया जाय और इस फैसले को वापस ले लिया जाय...!! धन्यवाद **कश्मीर, शिमला और मनाली घूमा, पर पारस को लगाने अर्जी नहीं गए! पूछ रहे हो जन्नत से खूबसूरत क्या है..? लगता है, तुम शिखरजी नहीं गए..!!*** ©Deepa Jain Save shikhrjii...♥️