विरोधाभासों की नगरी में सच को कैसे पहचानोगे? अंतर्मन में झाँको तो वह वँही बसा ये मानोगे! उसे व्यर्थ ही ढूँढा कहाँ कहाँ ये सच्चाई तब जानोगे! जब जानोगे तब मानोगे मन के खेल पहचानोगे! द्वारा:-RNS. मन के खेल!