तुम्हारी यादों के साये में गुज़र रही है अब ज़िन्दगी अपनी, छोड़ भी दो ज़िद करना, समझा रही अब ज़िन्दगी अपनी। मगर, दिल है कि उम्मीद लगाये करता ही रहता इन्तज़ार, कभी हाँ, कभी ना की कश्मकश में है अब ज़िंदगी अपनी। Hello Resties!❤ हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें | #rzयादों_साया #yqrestzone #yqdidi #collabwithrestzone #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone #sangeetapatidar