चलो ठीक ही हुआ जो भुल गए मुझे। अब पूरे दिन अपनो में होता हु। अब पूरी रात चैन से सोता हूं। अब कभी मेरे आंखों पर बादल नहीं छाते हैं अब खुली निगाहों से आसमां को देखता हूं। ©dharmendra kumar yadav धर्मेंद्र #patience