तेरे मन की बातें तुझे पता । तेरे दिल में क्या है मुझे बता ।। पास होने से बेकदर दूर होने से ऐतराज़ । खुदा जाने कैसा है तेरा ये मिजाज ।। रुठे यार को मनाना पड़ता है । जन्नत तक साथ निभाना पड़ता है ।। बीच सफर में गर रुक जाये तो । पकड़कर हाथ साथ चलना पड़ता है ।। पर जाने क्यों तुने इतना मजबूर किया है । एक दोस्त को दोस्त से तुने दूर किया है ।। वैसे भी ये कभी अपनी दोस्ती का उसूल नहीं था । अपनी दोस्ती भी यारा कभी फिजूल नहीं था ।। जिस पर खुद से भी ज्यादा यकीन किया मैंने । अब पता चला ये दोस्ती उसे कभी कूबूल नहीं था ।। © सितम सागर #Nojoto #NojotoHindi #Hindi #Shayari #Kavita #Poem #Pass #dur #dosti #fizool #usool #sitamsagar #NojotoPoem #nojoto