तपता बदन पर अश्क़ न निकले, गुजरेगा वक्त ये भी , पर शायद हम,हम न निकलें.. #बुखार #वक्त_वक्त_की_बात_है#शायरी एक लम्हें में सिमट आया सदियों का सफ़र ज़िन्दगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे(ग़ज़ल) #picgooglebaba