कुछ बेरंग सी दुनिया मेरी उसमें तुमने कुछ रंग भरे, फिर बेरंग सी कर दुनिया मेरी तुम न जाने कहाँ चली गई, आज भी उस बेरंगी शाख़ पर ढूँढ़ता हूँ कुछ साज़ अपने तकता हूँ राह तेरी मैं देखकर वो सतरंगी सपने। मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने बुने सपने, सजीले, सपने। #सतरंगी_सपने #सपने #YQdidi