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"मनुष्य का मन (इंद्र) लालची और डरपोक तो है परन्तु

"मनुष्य का मन (इंद्र) लालची और डरपोक तो है
परन्तु यह इसकी अज्ञान की अवस्था है जब ह्रदय पर
आसुरी शक्ति निवास करती है तब मन चाहता तो बहुत कुछ है पर
चुंकि इंद्र भी निष्काषित राजा हैं इसलिए उनकी ना देव सुनते हैं और ना
सैनिक... इंद्र आदित्य है... अदिति के पुत्र.. श्रीविष्णु के स्वरुप..
अर्जुन का कार्य क्षेत्र है मनुष्य का ह्रदय... लेकिन ऐसा ह्रदय
श्रीकृष्ण के नियंत्रण के बिना बहुत व्याकुल रहता है।"

#कान्हा_कब_आओगे

©सदैव
  #lalishq