सभी को सोना है एक रोज आगोश में यहा हर किसी को किसा का इंतजार है बेशबर हुए इंतजार में थामे भय का हाथ बढ़ते जा रहे है सभी मंजिल के आसार में लिए कई सदियों की पीढ़ा और मिलन की न पूरी हो सकी इच्छाओं को जहन में । हर कदम बढ़ रहा है अंत की ओर जरा जरा सोएगा सुकु से मौत के आगोश में।। ©Devendra yadav #आगोश #devendrayadav #Instagram #Poetry #Nojoto