कुछ पंक्तियां बेटी की जुबानी अभी तो इतनी बड़ी नही हुई हूं, की आप मुझे खुद से दूर भेज दो पापा । हा अभी इतनी भी समझदार नही हुई हूं, की कही किसी और से मिला दो आप मुझको पापा। माना की 18 से जायदा की हो गई हूं, पर मन से बड़ी नही हुई हूं, मैं पापा।