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- खुशी - रिवायत बदल रहा हूँ इस बार, कुछ अलग कर रह

- खुशी -
 रिवायत बदल रहा हूँ इस बार,
कुछ अलग कर रहा हूँ इस बार.

खींचता था हर बार पत्थर से लकीर, 
पानी से पानी पे पानी लिख रहा हूँ इस बार.

काम करता था हर रोज कोई पैसे के लिए, 
खुद की खुशी के लिए उसने गाना गाया इस बार.

भीड़ के पहचान का हिस्सा था वो कभी,
भीड़ जमा है जिसको सुनने इस बार.

मेरे तुम्हारे रिश्तों से परेशान होकर, 
तोड़ लिया रिश्ता खुद से इस बार.

नाकाफी हो प्यार जब किसी का,
खुद से ही प्यार करना इस बार..!! #happiness #खुशी #deepakivani #4thtime1
- खुशी -
 रिवायत बदल रहा हूँ इस बार,
कुछ अलग कर रहा हूँ इस बार.

खींचता था हर बार पत्थर से लकीर, 
पानी से पानी पे पानी लिख रहा हूँ इस बार.

काम करता था हर रोज कोई पैसे के लिए, 
खुद की खुशी के लिए उसने गाना गाया इस बार.

भीड़ के पहचान का हिस्सा था वो कभी,
भीड़ जमा है जिसको सुनने इस बार.

मेरे तुम्हारे रिश्तों से परेशान होकर, 
तोड़ लिया रिश्ता खुद से इस बार.

नाकाफी हो प्यार जब किसी का,
खुद से ही प्यार करना इस बार..!! #happiness #खुशी #deepakivani #4thtime1