फिज़ा में खुशबू अकेलपन की घेरती बाहों मे है घुटन की बताती भी क्या वो लड़की झांके फिरे है दुनिया जिस्मो की जिसमे खिड़की तुम पूछते अगर हो तुम सोचते अगर हो मानो ये मेरे दिल की रखना न उसको घेरो में कहना ये सात फेरो में घबराती उसकी आंखे पुछेगीं लाखों बाते तुम चुप्पी थामे रहना फिर बोलना अगर जो हर्फ़ों में प्यार रखना होठों में जो थिरकन उसके दिखाई दे जब लफ़्ज़ों की पायल तुमको सुनाई दे फिर दोस्ती का पैग़ाम इश्क़ के जाम में मिलाना शादी के बाद रिश्तों को कुछ इस तरह निभाना। ©Sarthak dev #शादी