जब हर बात पर बात कटने लगे वक्त बेवक्त मायूसी झलकने लगे जब सच न दिखाई दे न सुनाई दे तब समझ लेना होगा कि जरूरतों का सिलसिला खत्म हो चला है। प्रेम की इमारत कच्ची थी इतनी कि नफरतों ने जहर बो ही दिया है... #रिश्ते#बनावटीपन#मतलब