किताबों की खुशबु सी हैं...हमारी जिन्दगी.. हर वक़्त कुछ ना कुछ सीखा जाती हैं... और बदले में कुछ नहीं चाहती हैं.... पानी की उस बूंद की तरह हैं जिन्दगी जिसकी प्यास फकीर को भी उतनी ही होती हैं... और राजा को भी उतनी ही होती हैं.... जाति, रंग-रूप, देश, और भी कितना भेद-भाव से बहुत अलग हैं...हमारी जिन्दगी.... ये तो बस आती हैं एक सरीर में वापस जाने के लिए... बस कुछ दिन अपना मन बहलाने के लिए.... थोड़ा ख़ुश होने और खुशियाँ फैलाने के लिए..... सच कहूँ तो मुझे लगता है.... सायद जरूरत मंद के काम आने के लिए हैं... हमारी जिन्दगी... कोई रिश्ता निभा पाए या नहीं इंसानियत निभाने के लिए हैं... हमारी जिन्दगी..... हमारी ज़िन्दगी को किसने और कैसी सियाही से लिखा है? #हमारीज़िन्दगी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi