प्रेम के बंधनों में बंधकर, आजादी के पर को नोंचते हीं नहीं, कुंज गलियों को छोड़,जाना चाहते हो कान्हा तो चले जाओ, अगर तुम्हें रहना होता,तो कभी तुम जाने का सोंचते हीं नहीं ©Anant Tiwary #तुम_मेरे_हो