हमारा प्यार बिल्कुल उस दीए बाती की तरह है, जिसमें मैं उस बाती की तरह जल रही हूं और उस दीए की तरह तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.. तुमसे अलग होकर भी मेरा कोई आस्तित्व नहीं.. और तुम्हारे साथ होकर भी मेरा आस्तित्व मिट रहा.. ©kalpana srivastava #आस्तित्व