जाने दिल ये लगता नही क्यों दिल में उठा तुफा कभी रूकता नही क्यों कैसे कटेगा जिंदगी का ये अनचाहा सफर कहीं गिरता है गाज़ तो कहीं गिरता है कहर जिंदगी में अब, रह गई है सिर्फ कुछ रातें कुछ तन्हाई कुछ आंसू और कुछ यादों की परछाई काश मिल जाते हमें खुशियों के के कुछ पल फिर हम ना होते आज इस कदर दरबदर # जाने दिल ये लगता नही क्यों...