यह सत्य है गुमनामी के साये में गुमनाम जिंदगी बिता देती है, कर समूल न्यौछावर हम पर कहाँ???कुछ भी वो कह पाती है, क्या मिला उन्हें कुछ भी तो नही बल्कि अपना निज त्यागती है, कोई और नही ज़नाब ऐसी परवाह करने वाली माँ कहलाती है #Contest_23 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,