मुट्ठी भर लम्हे, चुरा के लाया, तेरी मुट्ठी भरने को, इन लम्हों में, दुआएं भर रखी हैं, इन।लम्हों में, मेरी उम्मीदें छिपी है, इन उम्मीदों में... ढेरों ख्वाहिशें मेरी हैं, मुझे यकीन है.... तुम्हारा नेक पाक दिल, जिसकी नब्ज़ टटोलेगा, उसकी दर्द तकलीफ़ , सदा के लिए ख़त्म करेगा, उम्मीद है.. उम्मीद से ज़्यादा कुछ उम्मीद नहीं मेरी तुमसे।। vibhu मुट्ठी भर लम्हे, चुरा के लाया, तेरी मुट्ठी भरने को, इन लम्हों में, दुआएं भर रखी हैं, इन।लम्हों में, मेरी उम्मीदें छिपी है,