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वो मुक्कमल नींद थी मेरी जो सर्द रातों में आती थी स

वो मुक्कमल नींद थी मेरी
जो सर्द रातों में आती थी
सादगी भुला जो 
आंखो में खो जाती थी
वक्त कम बता जो 
सारी रात सताती थी 
वो नींद में ही 
सारी ख्वाहिशें बताती थी
लेकिन बड़ी बेदर्द थी वो....
सिर्फ नींद में ही आती थी
सिर्फ नींद में ही आती थी...

©GIRJESH GUPTA #स्वपन परी
वो मुक्कमल नींद थी मेरी
जो सर्द रातों में आती थी
सादगी भुला जो 
आंखो में खो जाती थी
वक्त कम बता जो 
सारी रात सताती थी 
वो नींद में ही 
सारी ख्वाहिशें बताती थी
लेकिन बड़ी बेदर्द थी वो....
सिर्फ नींद में ही आती थी
सिर्फ नींद में ही आती थी...

©GIRJESH GUPTA #स्वपन परी