मातृभाषा मातृभाषा संस्कृति की, केंद्र बिंदु होती है समृद्ध कला साहित्य की, जननी होती है हिंदी और भारतीयसंस्कृति का, संबंध बड़ा निराला है भारतीय सभ्यता को, सारी दुनिया में पहुंचाने वाला है मातृभाषा अभिव्यक्ति, संचार का माध्यम होती है संस्कृति और संस्कारों की, संवाहिका भी होती है मातृभाषा से ही संस्कृति, पुष्पित पल्लवित और सुवासित होती है सारी दुनिया में हिंदी ने, भारत की साख बढ़ाई है भारतीय सभ्यता और संस्कृति, दुनिया में पहुंचाईं है सुरेश कुमार चतुर्वेदी ©Suresh Kumar Chaturvedi #hindi utsav