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अश्कों को आरजू-ए-रिहाई है, रोइये! आंखों की अब इसी

अश्कों को आरजू-ए-रिहाई है, रोइये!
आंखों की अब इसी में भलाई है, रोइये!
तस्लीम कर लिया है जो ख़ुद को चराग़-ए-हक,
दुनिया क़दम क़दम पे सबाई है, रोइए!
खुश है तो फिर मुसाफिरे दुनिया नही है आप,
 इस दश्त में बस आबला-पाई है, रोइये!
हम है असीर-ए-जब्त इजाजत नही हमें,
रो पा रहे है आप, बधाई है, रोइये!
-अब्बास कमर















.

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#हिंदी #रेख्ता #Abbasqamar #poems #poets #rekhta #shayari #shayarilove #urdupoems #sadpoems
अश्कों को आरजू-ए-रिहाई है, रोइये!
आंखों की अब इसी में भलाई है, रोइये!
तस्लीम कर लिया है जो ख़ुद को चराग़-ए-हक,
दुनिया क़दम क़दम पे सबाई है, रोइए!
खुश है तो फिर मुसाफिरे दुनिया नही है आप,
 इस दश्त में बस आबला-पाई है, रोइये!
हम है असीर-ए-जब्त इजाजत नही हमें,
रो पा रहे है आप, बधाई है, रोइये!
-अब्बास कमर















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