कितना आसाँ है मुझसा चेहरा बना लेना बात तो तब हो मुझसी बात करे कोई। साफ चेहरा खुला दिल लिए हूं दरबदर मुझसे मिलने में क्यो एतराज़ करें कोई। खुद से मिलने में इक उम्र लगी थी मुझको मुझसे मिलने में क्योकर इन्तेज़ार करें कोई। नही मिलता मुझसे जमाने का मिज़ाज़ तो क्या दरवेज़ दहलीज़ पर क्योना आवाज़ करें कोई। जहां खुद से ही दुखी है, किसी और से तो क्या खुलो मत तुम्हें ही क्यो बर्दाश्त करें कोई। #bejhijhakraayde