समां की चाहत में ना जाने, कितने परवाने लगे हैं ! हमें तो अपने दुःख दर्द भी, अब पुराने लगे हैं !! बस जिंदगी में इतनी मेहनत करनी है कि, उस पद को हासिल कर सकूँ ! सुना है वहाँ सितारें भी, अपने सर झुकाने लगे हैं !!!! #Parikshit singh