सत्य के भावों से सिंचित, मैं करूं या तुम करो, रक्त सी स्याही से निर्मित मैं करूं या तुम करो ।। इस देश की मिट्टी के कण कण में बसा हूं मैं ही मैं, इस मिट्टी की खुशबू सुनिश्चित मैं करूं या तुम करो ।। आशुतोष शिक्षा प्रथम फाउंडेशन की प्रस्तुति। देश हित में समर्पित।।