पापा कहते है, जब पता ही है की आगे दिवाल बनी है, तो जानबुझ के दिवाल से क्यो टकराना। दूसरे भी रास्ते है मंजिल के, फिर अपना वक्त क्यो जाया करना। -अजनबी किताब पापा कहते है.. 🥰