देश की सीमा पर तैनात, बच्चा बोला मां मुझे भी सीमा पर जाना है पापा की तरह दुश्मन को मार भगाना हे पापा की तरह मेडल पना है बेटे की बात सुन मां की आंखो में आंसू आ गए केसे केह दू मेडल से पेट नहीं भरता कितना खुश थि मे भी मेरे पति ने देश के लिए वीरगति पाई है लोगो का हुजूम लगा रेहता था उधार लेले कर सबको चाय पिलाई थी दुकानदार ने भी करी बहुत कमाई थी रोज एक नेता आता था कोई नौकरी तो कोई पेशन का वादा कर जाता था केमरे बाले ने भी हमारे घर में ही डेरा डाला था पर अब कोई नहीं दिखता पेशन मिले वक्त गुजर गया दुकान दार का उधार भी सर से ऊपर चढ गया अब कोई नहीं आता हम शहिदों का दर्द किसी.को नहीं दिखता बेटा तुझे सिपाही नहीं बनाना है मुझे भी तो घर में चूल्हा जलाना है