अपनेपन का करते हैं ये दिखावा दिलों में नफरत पाल कर रखते हैं, बोल बोलते हैं चाशनी में लपेट कर पीठ पर खंजर से वार करते हैं। रिश्तों में गलतफहमियों को बढ़ाने की कोशिश हमेशा करते रहते हैं, रिश्तों के दरमियाँ मीठा ज़हर घोलकर धीरे धीरे दूरियाँ पैदा करते हैं। ऐसे दोगले इंसानों से दिल जान कर भी क्यों अंजान ही बना रहता है, चाहता है दूर रहना ऐसे लोगों से फिर भी जाने क्यों रह नहीं पाता है। कुछ रिश्ते जिंदगी में ऐसे होते हैं जिन्हें चाह कर भी छोड़ नहीं सकते हैं, जानते हैं उनकी हकीकत को फिर भी जुबां से अपना ही कहते रहते हैं। ♥️ Challenge-669 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।