डरी सहमी सी जिन्दगी हर रोज चल पड़ती है एक नये सफर पर आगे न जाने कौन सा मकाम हो मिल जाये सुकूं के पल या फिर नया इम्तिहान हो । ©Arcnana chitranshi # जिन्दगी# लब्ज जिन्दगी के#लफ्ज ए जिन्दगी#अर्चना चित्राशी