जिंदगी क्या है इम्तिहानो का समंदर आखिर कब तक हमारा इम्तिहान लेगी, एक रोज लड़ते-लड़ते पहुंच जाएंगे मंजिल तक, न जाने कब ऐसा वो मकाम लेगी। कभी मशगूल,कभी मशहूर तो कभी मजबूर है जिंदगी, जहां अपनों के लिए वक्त नहीं तो क्या है यह जिंदगी। जिंदगी एक उपन्यास है, न जाने कितने ही अध्याय हैं, कोई रिश्ते अरजोई है, किसी ने बखूबी किरदार अपने निभाए हैं। जिंदगी क्या है मोहब्बत का सिलसिला यादों का काफिला आखिर में क्या मिला, मोहब्बत के नाम पर सिसकियां यादों के नाम पर हिचकियां और क्या मिला आंसुओं के सिवा। जिंदगी चुनौतियों से भरी हुई एक संघर्ष से परिपूर्ण, कई उतार-चढ़ाव आते हैं जिंदगी में करते हमको सर्वगुण निपुण। जिंदगी की है क्या है एक साज,एक राग,एक संवाद, जो समझ गया जिंदगी की चुनौतियों को वही है असली जां- बाज़। बिना सोच के ना घोड़े दौड़ाओ दिमाग के कर लो थोड़ा विश्राम, अविराम चलने का नाम ही है जिंदगी है, मौत है पूर्णविराम। #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2021 #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #kkजिंदगीक्याहै