दामन में तो हज़ार दाग लगे है मेरे...... मैं फिर भी सीता सी पवित्र उसके लिए सुन्दर नहीं, कृष्ण वर्ण सी देह मेरी...... मैं फिर भी सुंदरता की मूर्ति उसके लिए माँ जैसी इज्ज़त बक्शी उसने मुझे अनमोल मैं भी हूँ उसके लिए..... प्रेम में वो सब भूल गया है ? या उसका मन सत्य नहीं जान पा रहा ! संशय मन का गहरा रहा है! मेरा विडंबना मेरी, चाहत को पा नहीं सकती रिश्ता बेनाम सा तेरा मेरा दिलबर मेरे क्या करूँ? भँवर में फंसी मैं..... होली के हमजोली 10 #collabwithकोराकाग़ज़ #होली2021 #होलीकेहमजोली #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #kkhkh2021 #अल्फाज_ए_कृष्णा