Nojoto: Largest Storytelling Platform

"स्तुती" बेमतलब की बकबक थीं बिना कोई जवाब, सवाल भी

"स्तुती"
बेमतलब की बकबक थीं
बिना कोई जवाब, सवाल भी वही थीं
मेरी हर मुसीबत का हल थी ओ
हर जख्म का मेरे,
मरहम वहीं हुआ करती थीं
रहें मेरी उसीसे और
मंज़िल उसिपे खत्म थीं
हर सुबह मेरी वहीं,
रात उसीसे हुआ करती थीं स्तुती 😘
"स्तुती"
बेमतलब की बकबक थीं
बिना कोई जवाब, सवाल भी वही थीं
मेरी हर मुसीबत का हल थी ओ
हर जख्म का मेरे,
मरहम वहीं हुआ करती थीं
रहें मेरी उसीसे और
मंज़िल उसिपे खत्म थीं
हर सुबह मेरी वहीं,
रात उसीसे हुआ करती थीं स्तुती 😘
sumitmagar8047

Sumit Mgr

New Creator