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कविवर श्री गोपाल दास 'नीरज' के जन्मदिवस पर इस 'प्र

कविवर श्री गोपाल दास 'नीरज' के जन्मदिवस पर इस 'प्रेम पथिक' का पुण्यस्मरण। मेरा ये गीतांश आपको समर्पित कविश्रेष्ठ!
      दर्द अपना सह लिया ओ दर्द उसका ले लिया 
     आप ही कहें भला कि हमने क्या ग़लत किया।
सरफिरी सी इक नदी, बँटी-बँटी, डरी -डरी
सेहराओं की सीप में भी नेह से भरी- भरी।
     कश्तियों को थामकर तूफ़ाँ को अपने नाम कर
     गिरने और संभलने को ही कर्म अपना मान कर।
हाथ उसके हाथ में दरिया का, जल को खल गया। 
आप ही कहें भला कि हमने क्या ग़लत किया....
श्रीहरि कृपा

©Monika  Sharma
  #PhisaltaSamay समर्पण

#PhisaltaSamay समर्पण #कविता

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