"मधुसूदन की मधुशाला" मीरा एक विषाद अनेक ,पीती है विष का प्याला मेरे हिस्से आन पड़ी है मधुसूदन की मधुशाला! लकड़ी की मुरली में तब तब, सांसो को भरता ग्वाला सुध-बुध भूल गया सब गोकुल मुरली है या मधुशाला! श्याम सरल उतना ही विरल, सब गोपियां मद में झूम रही नयनों से नयनां टकराकर ,क्या नैनन में है मधुशाला! ऐसा रसपान कहो "रसखान", कब से चुप चुप बैठे हो हम भी, तुम भी हो जाएं धुत ,कह दो ऐसी मधुशाला! #DPF #मधुसूदन #मधुशाला #proposeday #NOJOTO (रसखान= कबीर)