अगर एहसास बयां हो जाते लफ्जों से, तो फिर कौन करता तारीफ खामोशियों की। ©GauRi #saath अगर #एहसास बयां हो जाते #लफ्जों से, तो फिर कौन करता #तारीफ #खामोशियों की।