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मैं निकली थी कल तुम्हारे शहर के रास्तों पर.... जिन

मैं निकली थी कल तुम्हारे शहर के रास्तों पर....
जिन रास्तों पर शायद तुम अपने ख़यालों में 
ग़ुम चला करते होंगे....
बहुत सी गलियों में भी घूमी....
अक्सर ये ख़्याल आया इन गलियों 
में कोई गली तुम तक भी तो जाती होगीं....
शायद इन्हीं किसी गली के,किसी घर की,
किसी खिड़की से तुम्हारी नज़रे शायद 
मुझको यहीं कहीं ढूंढ रही होगीं....

To be continue......

©Chanchal Chaturvedi #तुम्हारे_शहर #Chanchal_mann
मैं निकली थी कल तुम्हारे शहर के रास्तों पर....
जिन रास्तों पर शायद तुम अपने ख़यालों में 
ग़ुम चला करते होंगे....
बहुत सी गलियों में भी घूमी....
अक्सर ये ख़्याल आया इन गलियों 
में कोई गली तुम तक भी तो जाती होगीं....
शायद इन्हीं किसी गली के,किसी घर की,
किसी खिड़की से तुम्हारी नज़रे शायद 
मुझको यहीं कहीं ढूंढ रही होगीं....

To be continue......

©Chanchal Chaturvedi #तुम्हारे_शहर #Chanchal_mann